किताबों के बोझ से दबा बचपन

बचपन क्या है ? एक मासूम, निश्छल, स्वच्छ, निर्मल एहसास, जिसे जीवन का मतलब बस इतना ज्ञात है कि खेलना, मस्ती करना और माता पिता का प्यार । स्वच्छंद बचपन जिसेजीवन की विसंगतियों का कुछ भी भान नहीं, उसे तो सिर्फ खाना पीना खेलना बस इतना ही जीवन की समझ है  । बचपन जब माताContinue reading “किताबों के बोझ से दबा बचपन”

किताबों के बोझ से दबा बचपन

बचपन क्या है ?एक मासूम, निश्छल, स्वच्छ, निर्मल एहसास, जिसे जीवन का मतलब बस इतना ज्ञात है कि खेलना, मस्ती करना और माता पिता का प्यार । स्वच्छंद बचपन जिसेजीवन की विसंगतियों का कुछ भी भान नहीं, उसे तो सिर्फ खाना पीना खेलना बस इतना ही जीवन की समझ है  ।बचपन जब माता पिता कीContinue reading “किताबों के बोझ से दबा बचपन”

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