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गीता सार (अनमोल वाणी)

हमारी सोच हमारा प्रारब्ध बनती है,हमारा लक्ष्य हमारे चयन पर निर्भर है,हमारी सफलता हमारे मार्ग की परिणति होती है,ऐसा श्री कृष्ण ने गीता में कहा है,तो क्या हमारी सफलता असफलता का उत्तरदायित्त्व हम पर है ?हां ! हमारे द्वारा चुने हुए मार्ग ही हमारे परिणाम होते हैं ।

” प्रकृति का संदेश “

प्रकृति का संदेश “ये मौसम ये शमा कुछ हमसे कह रही है,आसमान पर काली काली बदलियां,अठखेलियां कर रही हैं,बारिश की रिमझिम बुंदे संगीत धुन,कह रही हैं,तपती हुई धरा को तृप्त कर रही है,प्रकृति का ये संगम सन्देश दे रही है,एक दूसरे से मिलकर फैलाते है हरियाली,जीवन के लिये प्रकृति देती है खुशहाली,ये सूरज ये धरती,आकाशContinue reading “” प्रकृति का संदेश “”

संसदीय प्रणाली

भारत की सभ्यता और संस्कृति “हमारा देश देवताओं,ऋषि,मुनियों का देश है, हमारी सभ्यता और संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी और सनातन है । “हम सर्व धर्म सुखिना “के सिद्धान्तो पर जीवन जीते हैं ।सभी धर्मॉ,सम्प्रदायों का आदर और सम्मान करते हैं ।हमारे संविधान मे निजता (Privacy) का अधिकार है, किसी की निजता भंग करना गैरContinue reading “संसदीय प्रणाली”