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शराफत

शराफत की अब बातें बेमानी चारों तरफ छाई है बेइमानी, शराफत की बातें किताबों तक सीमित, असल जिंदगी में शराफत बेमानी, शराफत की अब ना कोई कदर है शराफत भटकती इधर उधर है लोगों के दिलों में बिखरी बेइमानी शराफत की बातें बस लगती कहानी शराफत की अब बातें बेमानी ।।

खुशी

हर इंसान की हैसियत के अनुसार खुशी का पैमाना, महीने भर नौकरी करने पर जब पगार आती आम इंसान का खुशी का ना होता है कोई ठिकाना, अपने ही मेहनत की कमाई जब जेब में आती है बुनने लगता है महीने भर का ताना बाना, आम इंसान की खुशी वो धनकुबेरों को नहीं नसीब, वोContinue reading “खुशी”

एक नई राह

एक नई राह पर चल दिया अजनबी है पर सुकून है, नए लोगों के साथ हूं मगर अपनों से कुछ दूर हूं, सप्ताह के छः दिन अकेले में रहते हैं रविवार के दिन अपनों में होते हैं, कुछ घंटों भी साथ रहकर मिलता सुकून है । अपनों से दूर रहने का मलाल है वक्त केContinue reading “एक नई राह”

चौथा खंभा

संविधान का चौथा खंभा अपंग हो गया जनता के सरोकार से दूर हो गया जिसकी जिम्मेदारी थी सच दिखाने की बाजार में तब्दील हो गया, प्रचार पैसा के खेल में चौथा खंभा सियासत का टूल बन गया, खबरें सच का आइना थीं अब खबरें सियासत और सत्ता का हथियार बन गया । जब अर्थ केContinue reading “चौथा खंभा”

खुदगर्ज

खुदगर्जी के इस आलम में इंसान भरोसा किस पर करे, इंसान इंसान को धोखा दे रहा झूठ फरेब के जाल में उलझा रहा क्या करे किससे फरियाद करे, जब हमारा मुंसिफ ही बहरा है । जब विश्वास पर आघात हुआ है समाज में एक तनाव और नफरत का माहौल पैदा हुआ है । झूठ फरेबContinue reading “खुदगर्ज”

फिजा में बेचैनी

फिजा में घुली अजब सी बेचैनी है मायूसी उदासी छाई घनी है, ना मुस्कान किसी के होठों पर दिखती चारों तरफ एक अलग खलबली है । हर तबके के मन में एक विरोध का धुंआ अपने अपने विचारों से करते दुआ अब राहत हमें दो सुनो हमारी गुजारिश हम देशवासी राष्ट्रभक्त हममें ना कोई बदनुमाContinue reading “फिजा में बेचैनी”

बात जो दिल बोले

कहते हैं जो बात दिल से निकलती है वह सदा सच होती है, आत्मा का संबंध दिल से होता है आत्मा स्वयं परमात्मा का रूप, फिर दिल की बातों में सच्चाई, ना कोई छल ना कोई बनावट बस एक दिल को छू लेने वाली गहराई । आज के जमाने में लोगों ने भरोसा करना छोड़Continue reading “बात जो दिल बोले”

यूं तो जिंदगी

यूं तो जिंदगी किसी भी हाल में जीनी पड़ती है हालात कैसे भी हों जंग लड़नी पड़ती है, संघर्ष के बिना जीवन का सार नहीं बिना घिसे हिना के रंग में निखार नहीं, जीवन को बेहतर और सार्थक बनाने के लिए परिस्थितियों से लड़कर अनुकूल बनाने का हुनर सिर्फ इंसान के पास है, इंसान काContinue reading “यूं तो जिंदगी”

कोई आवाज

कोई आवाज सुनाई देती नहीं किसी को या फिर बहरे हो गए सभी, बातें करते हैं बड़ी बड़ी रोज पर सुधार लाते क्यों नहीं, समाज का हर तबका अगर बातें ही करेगा तो आवाज उठाएगा कौन, संस्थाएं चुप चाप बैठी हैं तो विरोध जताएगा कौन, यह मौन ही सबसे बड़ी त्रासदी है, मौन को तोड़नाContinue reading “कोई आवाज”

इंतजार के पल

इंतजार के पल बड़े बोझिल होते है, उनको काटना सदियों की तरह होते हैं, हर इंसान अपने जरूरत से याद करता है इंतजार में उसी के लिए व्यग्र होता है जो उसे दिल से प्यार करता है, प्यार एक जज्बा है जो दिल से जुड़ा होता है इंतजार हम उसी का करते हैं जो दिलContinue reading “इंतजार के पल”